एक और एक मिलकर दो हो जाए, यह "गणित" है।

एक और एक मिलकर ग्यारह हो जाए, यह "संगठन" है।

एक और एक मिलें और एक ही रहे तो, यह "प्यार" है।

एक और एक मिलकर शून्य हो जाए, तो यह 'अध्यात्म' है।

एक को एक से मिलने ही न दिया जाए यह "कूटनीति" है।

इस एक को उस एक के विरुद्ध खड़ा करके दोनों को तबाह कर दिया जाए तो यही "राजनीति" है।
एक और एक मिलकर दो हो जाए, यह "गणित" है। एक और एक मिलकर ग्यारह हो जाए, यह "संगठन" है। एक और एक मिलें और एक ही रहे तो, यह "प्यार" है। एक और एक मिलकर शून्य हो जाए, तो यह 'अध्यात्म' है। एक को एक से मिलने ही न दिया जाए यह "कूटनीति" है। इस एक को उस एक के विरुद्ध खड़ा करके दोनों को तबाह कर दिया जाए तो यही "राजनीति" है।
0 Commentarios 0 Acciones 413 Views 0 Vista previa